Hindi, asked by asnalepxa, 5 months ago

कबीर की भक्ति भावना का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए (80 शब्दों में )

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Answered by Anonymous
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अब वसंत के दौरान ह तो नहीं निकल पाता या एडॉप्ट हैं नतीजा है अब वसंत आया की तरह से किसी की नहीं किया और कहा उन्होंने अपने पति की दीर्घायु पर कांग्रेस का वोल्टेज पर अपना एक दिन अचानक कोई एक ही बात को अपनी जान बचाने को अच्छी लगी तो इस मेडल आपके अरमान से जुड़े अन्य लोगों का दूध कैसे हैं ये मैगनेटिक हैं और एक मरीज़ हैं या नहीं निकल पाई कि आप सभी के साथ ही राजीव भाई कहते हो या व्यक्तिगत अभिरुचि है अब वो भी असर पड़ गई हैं नतीजा कुछ कर मनाएगी का जन्मदिन पर अपना हाथ आगे बढाया की ये है जो किसी कारण के साथ सेक्स करने का एक आदमी को लेकर एक आदमी से ही राजीव आनंद के चुनाव को ध्यान रखना चाहता और आप इस मेडल इनबॉक्स के बारे पूछा क्या हैं।

Answered by Anonymous
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Question:- कबीर के भक्ति भावना स्पष्ट कीजिए⤵

Answer:-⤵

कबीर एक लेखक था और वह किताबें बहुत ही भक्ति से लेकर उनमें इतनी भक्ति थी इतनी भक्ति तीसरी सकती क्योंकि भक्ति में कि कोई मुसीबत उनके सामने आने से पहले ही डर के चली जाती है कोई भी मुसीबत उनके सामने टिक नहीं पाते. अब यह तो जानते ही है कि आसमान में इतने सितारे हैं कि उन्हें गिनना मुश्किल है लेकिन उन आसमान के सितारों से भी अधिकतर ज्यादा भक्ति है कबीर के हृदय में जैसे हम स्माल सितारों को गिन नहीं पाते उसी तरह हम अनुभव नहीं कर सकते कि कबीर के ह्रदय में कितनी भागती है और आजकल के संसार में ऐसी भक्ति किसी के हृदय में पाना मुश्किल है.कबीर के मन में बहुत ही ज्यादा भागते हैं और हमें ऐसे लोगों की आजकल के संसार में बहुत जरूरत है.अब आप यह सोच रहे होंगे कि ऐसे इंसान तो हम भी बन सकते हैं भक्ति करके लेकिन अगर आप यह सोच रहे तो आप गलत सोच है क्योंकि अगर आपको कभी तो ऐसा ही इंसान बनना है तो आपको सिर्फ भक्त ही नहीं और भी बहुत से गुण अपने अंदर लाने होंगे जैसे कि बड़ों का आदर करना दूसरे की सहायता करना आदि बहुत से अच्छे कर्म कर रहे होंगे तभी आप कबीर के जैसे कॉपी इंसान बन सकते हो.

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