Hindi, asked by mujeebjoyeza43q, 6 hours ago

कबीर के किन्ही पांच साखियों को सस्वर गायन हेतु कंठस्थ करें कबीर की प्रत्येक साखी में निहित भावार्थ अपने शब्दों में स्पष्ट करें​

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Answered by looksneeraj33
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Answer:

व्याख्या - कबीरदास जी प्रस्तुत दोहे में कहते हैं कि इस संसार में कोई किसी का बैरी नहीं है। यह मनुष्य का अहंकार ही है ,जो उसे किसी का शत्रु बनाता है। मनुष्य को चाहिए कि वह मन को शीतल व शांत बनाये रखें ,जिससे वह अपने अहंकार को खत्म कर सके। अहंकार विहीन मनुष्य के सब मित्र बन जाते हैं ,उसका कोई शत्रु नहीं रहता है

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