कबीर के काव्य का मूल स्वर क्या है
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समाज सुधार का
देश प्रेम का
कृषि व्यवस्था का
राजनीतिक चेतना का
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समाज सुधार का
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कबीर के काव्य का मूल स्वर समाज सुधार का है।
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Samaj Sudhar ka
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Kavi ke kab ka Mul Sawar Samaj Sudhar hai
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