Hindi, asked by Anonymous, 6 hours ago

कबीर के काव्य में भाव पक्ष और कला पक्ष का विवरण कीजिये I
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Answers

Answered by rasmeenkhosa2009
3

Answer:

कबीर का काव्य ज्ञान और भक्ति से ओत-प्रोत है, इसीलिए उनके काव्य में शान्त रस की प्रधानता है। आत्मा और परमात्मा के विरह अथवा मिलन के चित्रण के शृंगार के दोनों पक्ष उपलब्ध हैं, किन्तु कबीरदास प्रयुक्त शृंगार रस, शान्त रस का सहयोगी बनकर ही उपस्थित हुआ है।

Answered by XxAttitudeBoy2248Xx
38

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भाव पक्ष कबीर को हिंदी काव्य में रहस्य का जन्मदाता कहा जाता है। कबीर के काव्य में आत्मा और परमात्मा के संबंधों की स्पष्ट व्याख्या मिलती है। कवि ने अपने काव्य में परमात्मा को प्रयत्न एवं आत्मा को पेशी के रूप में चित्रित किया है। उनके काव्य में विरह की पीड़ा है।

कला पक्ष → कबीर के काव्य में चमत्कार के दर्शन होते हैं। कविता उनके लिए साधना न होकर साधन मात्र थी। उनके काव्य में अअनायास ही मौलिक एवं सार्थक प्रति को अन्यक्तियों एवं रुपको का सफल प्रयोग मिलता है।

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