कबीर के काव्य में भाव पक्ष और कला पक्ष का विवरण कीजिये I
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कबीर का काव्य ज्ञान और भक्ति से ओत-प्रोत है, इसीलिए उनके काव्य में शान्त रस की प्रधानता है। आत्मा और परमात्मा के विरह अथवा मिलन के चित्रण के शृंगार के दोनों पक्ष उपलब्ध हैं, किन्तु कबीरदास प्रयुक्त शृंगार रस, शान्त रस का सहयोगी बनकर ही उपस्थित हुआ है।
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