Hindi, asked by keshavgarg0202, 2 months ago

कबीर के प्रेम और विरह पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।​

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Answered by garimasinghania
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Answer:

। उत्तर: जब बिरह का साँप तन के अंदर बैठा हो तो कोई भी मंत्र काम नहीं आता है। यहाँ पर कवि ने प्रेमी के बिरह से पीड़ित व्यक्ति की तुलना ऐसे व्यक्ति से की जिससे ईश्वर दूर हो जाते हैं। ऐसा व्यक्ति हमेशा व्यथा में ही रहता है क्योंकि उसपर किसी भी दवा या उपचार का असर नहीं होता है।

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