Hindi, asked by pandeyhema15, 4 months ago

कबीर के पाठ्य पुस्तक से अलग कोई 10 दोहे छांट कर लिखिए


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Answers

Answered by sr2009081
1

दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय

जो सुख में सुमिरन करे, दुख काहे को होय

हम सभी परेशानियों में फंसने के बाद ही ईश्वर को याद करते हैं. सुख में कोई याद नहीं करता. जो यदि सुख में याद किया जाएगा तो फिर परेशानी क्यों आएगी.

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोय

जो मन खोजा आपना, तो मुझसे बुरा न कोय

जब मैं पूरी दुनिया में खराब और बुरे लोगों को देखने निकला तो मुझे कोई बुरा नहीं मिला. और जो मैंने खुद के भीतर खोजने की कोशिश की तो मुझसे बुरा कोई नहीं मिला.

बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर

पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर

इस दोहे के माध्यम से कबीर कहना चाहते हैं कि सिर्फ बड़ा होने से कुछ नहीं होता. बड़ा होने के लिए विनम्रता जरूरी गुण है. जिस प्रकार खजूर का पेड़ इतना ऊंचा होने के बावजूद न पंथी को छाया दे सकता है और न ही उसके फल ही आसानी से तोड़े जा सकते हैं.

काल करे सो आज कर, आज करे सो अब

पल में परलय होएगी, बहुरी करोगे कब

कल का काम आज ही खत्म करें और आज का काम अभी ही खत्म करें. ऐसा न हो कि प्रलय आ जाए और सब-कुछ खत्म हो जाए और तुम कुछ न कर पाओ.

ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोए

अपना तन शीतल करे, औरन को सुख होए

हमेशा ऐसी बोली और भाषा बोलिए कि उससे आपका अहम न बोले. आप खुद भी सुकून से रहें और दूसरे भी सुखी रहें.

धीरे-धीरे रे मन, धीरे सब-कुछ होए

माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होए

दुनिया में सारी चीजें अपनी रफ्तार से घटती हैं, हड़बड़ाहट से कुछ नहीं होता. माली पूरे साल पौधे को सींचता है और समय आने पर ही फल फलते हैं.

साईं इतनी दीजिए, जा में कुटुंब समाए

मैं भी भूखा न रहूं, साधू न भूखा जाए

यहां कबीर ईश्वर से सिर्फ उतना ही मांगते हैं जिसमें पूरा परिवार का खर्च चल जाए. न कम और न ज्यादा. कि वे भी भूखे न रहें और दरवाजे पर आया कोई साधू-संत भी भूखा न लौटे.

जैसे तिल में तेल है, ज्यों चकमक में आग

तेरा साईं तुझ में है, तू जाग सके तो जाग

जिस तरह तिल में तेल होने और चकमक

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