कबीर के राम कौन हैं? यह संसार 'राम' के दर्शन क्यों नहीं कर पाता है? (Class 10). Its a long answer type question
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कबीर का राम वो राम नही है जिसे दुनिया पूजती है।।।
कबीर का राम अदृश्य है, अजन्मा है, अगोचर है,।।।
यह सांसर राम के दर्शन नही कर पाता क्योंकि वे
वो राम को पत्थरों में।।खोजता है, जबकि राम को हमारे अंदर बेस हुए है।।राम कण कण में है।।
कबीर कहते हैं'" पाथर पूजे हरि मिले, तो मैं पुजू पहाड़। इससे तो चाकी भली पीस खाये संसार ।।
कबीर का राम अदृश्य है, अजन्मा है, अगोचर है,।।।
यह सांसर राम के दर्शन नही कर पाता क्योंकि वे
वो राम को पत्थरों में।।खोजता है, जबकि राम को हमारे अंदर बेस हुए है।।राम कण कण में है।।
कबीर कहते हैं'" पाथर पूजे हरि मिले, तो मैं पुजू पहाड़। इससे तो चाकी भली पीस खाये संसार ।।
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कबीर के राम निरंकारी और निर्गुण है।
Explanation:
- कबीर के राम निरंकारी और निर्गुण है। कबीर के राम सृष्टि के कण-कण में विद्यमान हैं। यह संसार मस्जिदों और अज्ञानवश मंदिरों में राम को ढूंढता फिरता है जबकि वह तो मानव के हृदय में ही बसे हैं।
- अब मनुष्य राम के दर्शन इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि उनके अंतःकरण वह महक के आवरण के कारण राम की प्रतिभा को आच्छादित रखता है।
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