Hindi, asked by durgaprasadkawde, 10 months ago

कबीर के रहस्यवाद को स्पष्ट कीजिए​

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Answered by aarathismiley12
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Answer:

कस्तूरी कुंडल बसे मृग ढूँढत बन माहि ।

ज्यों घट घट में राम हैं दुनिया देखत नाहि ।।

कबीर के दोहे के आधार पर कस्तूरी की उपमा को स्पष्ट  करते है , और समझाते है:

अर्थ: जिस प्रकार एक कस्तूरी हिरण कस्तूरी की खुशबु को जंगल में ढूंढता फिरता है जबकि वह सुगंध उसे उसकी ही अपनी नाभि में व्याप्त कस्तूरी से मिल रही होती है परन्तु वह जान नहीं पाता, उसी प्रकार इस संसार के कण कण में वह परमेश्वर विराजमान है परन्तु मनुष्य उसे कभी देवालों तो कभी तीर्थों में ढूंढता फिरता है ।

मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति के लिए , ईश्वर हमारे मन में वास करते है , ईश्वर कण-कण में हैं | हमें अच्छे कर्म और मन से ध्यन लगा कर ईश्वर को याद करना चाहिए|

लेकिन हम उस बात से अनजान होकर ईश्वर को तीर्थ स्थानों के चक्कर लगाते रहते हैं और अपने अंदर मन को जानने की कोशिश नहीं करते |   उसी प्रकार इस संसार के कण-कण में वह परमेश्वर विराजमान है परन्तु मनुष्य उसे तीर्थों में ढूंढता फिरता है।  हमे ऐसे अपना समय बरबाद नहीं करना चाहिए , हमें एक स्थिर मन लगा कर उसे याद करना चाहिए |

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Answered by Anonymous
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Question:- कबीर के भक्ति भावना स्पष्ट कीजिए⤵

Answer:-⤵

कबीर एक लेखक था और वह किताबें बहुत ही भक्ति से लेकर उनमें इतनी भक्ति थी इतनी भक्ति तीसरी सकती क्योंकि भक्ति में कि कोई मुसीबत उनके सामने आने से पहले ही डर के चली जाती है कोई भी मुसीबत उनके सामने टिक नहीं पाते. अब यह तो जानते ही है कि आसमान में इतने सितारे हैं कि उन्हें गिनना मुश्किल है लेकिन उन आसमान के सितारों से भी अधिकतर ज्यादा भक्ति है कबीर के हृदय में जैसे हम स्माल सितारों को गिन नहीं पाते उसी तरह हम अनुभव नहीं कर सकते कि कबीर के ह्रदय में कितनी भागती है और आजकल के संसार में ऐसी भक्ति किसी के हृदय में पाना मुश्किल है.कबीर के मन में बहुत ही ज्यादा भागते हैं और हमें ऐसे लोगों की आजकल के संसार में बहुत जरूरत है.अब आप यह सोच रहे होंगे कि ऐसे इंसान तो हम भी बन सकते हैं भक्ति करके लेकिन अगर आप यह सोच रहे तो आप गलत सोच है क्योंकि अगर आपको कभी तो ऐसा ही इंसान बनना है तो आपको सिर्फ भक्त ही नहीं और भी बहुत से गुण अपने अंदर लाने होंगे जैसे कि बड़ों का आदर करना दूसरे की सहायता करना आदि बहुत से अच्छे कर्म कर रहे होंगे तभी आप कबीर के जैसे कॉपी इंसान बन सकते हो.

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