Hindi, asked by ritikarulyan, 11 days ago

कबीर की साखियां कविता में gari का क्या अर्थ है​

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Answered by guptavandana0409
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Answer:

इसमें कबीरदास जी कहते हैं कि हमें सज्जन पुरुष से उसकी जाति नहीं पूछनी चाहिए अपितु उसका ज्ञान देखना चाहिए अर्थात मनुष्य को उसकी जाति के आधार पर नहीं उसके ज्ञान के आधार पर परखना चाहिए क्योंकि जब हम तलवार खरीदने जाते हैं तो उसकी कीमत म्यान देखकर नहीं लगाते हैं। 2. आवत गारी एक है, उलटत होइ अनेक।

Explanation:PLEASE MARK ME AS BRAINLIST

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