Hindi, asked by shekh9910872265, 8 months ago


कबीर की साखियाँ

प्रश्न-1 साधु से क्या पूछना चाहिए?
प्रश्न-2
घास कब कष्टपट बन जाती है?
उत्तर
प्रश्न-3
"या आपा को डारि दे, दया करै सब कोय।'
"ऐसीबानी बोलिए मन का आपा खोय।"
इन दोनों पक्तियों में आपा को छोड़ देने या खो देने की बात की गई है।
'आपा' किस अर्थ में प्रयुक्त हुआ है? क्या आपा स्वार्थ के निकट का
अर्थ देता है या घमंड का?

उत्तर
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Answers

Answered by Diyapandya
1

Answer:

“या आपा को . . . . . . . . . आपा खोय।” इन दो पंक्तियों में ‘आपा’ को छोड़ देने की बात की गई है। यहाँ ‘आपा’ अंहकार के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। ‘आपा’ घमंड का अर्थ देता है।

Explanation:

I don't know answer no. 1 & 2

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