Hindi, asked by kanak812b, 5 months ago

कबीर किस तरह भकति को सच्ची भकाती नही मानते​

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Answered by purvabhosale13
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Answer:

कबीरदास जी कहते हैं कि माला को हाथ में लेकर मनुष्य मन को को घुमाता है जीभ मुख के अंदर घूमती रहती है। परन्तु मनुष्य का चंचल मन सभी दिशाओं में घूमता रहता है। मानव मन गतिशील होता है जो बिना विचारे इधर-उधर घूमता रहता है परन्तु ये भगवान् का नाम क्यों नहीं लेता।कबीर इस तरीके की भक्ति को सच्ची भक्ति नहीं कहते हैं।

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