कबीर के दोहों की प्रासंगिकता 60-70 शब्दों में स्पष्ट कीजिए
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कबीर पंद्रहवीं शताब्दी के संत थे, भक्तिकाल के कवियों मे वह प्रमुख रहस्यवादी कवि थे, उनके दोहे सुनने वाले लिख लेते थे या कंठस्त कर लेते थे क्योंकि कबीर अनपढ़ थे, पर ज्ञान का भंडार थे। उन्होने ख़ुद कहा कि ''मसि कागज़ गह्यो नहीं, कलम नहीं छुओ हाथ।'' आपस में दोउ लड़ी-लड़ी मुए, मरम न कोउ जाना।
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Answer:
कबीर पंद्रहवीं शताब्दी के संत थे, भक्तिकाल के कवियों मे वह प्रमुख रहस्यवादी कवि थे, उनके दोहे सुनने वाले लिख लेते थे या कंठस्त कर लेते थे क्योंकि कबीर अनपढ़ थे, पर ज्ञान का भंडार थे। उन्होने ख़ुद कहा कि ''मसि कागज़ गह्यो नहीं, कलम नहीं छुओ हाथ।'' आपस में दोउ लड़ी-लड़ी मुए, मरम न कोउ जाना।
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