कबीर कि उलटबांसी रचनाओं का क्या तात्पर्य है कोई तीन उदाहरण के साथ स्पष्ट किजिए
Answers
Answered by
2
Answer:
इसीलिये इन रचनाओं को 'उलटबांसी' कहा जाता है। बिनु-जल चकवा करत किलोरा। अर्थात धरती उलटकर आकाश को ओर चल दी, हाथी चींटी के मुँह में समा गया, पहाड़ बिना हवा के ही उड़ने लगा, सारे जीव जन्तु सब वृक्ष पर चढ़ने लगे। ... कबीर ने इस उलटबांसी के माध्यम से किसी योगी की आंतरिक और बाह्य स्थिति का वर्णन किया है।
Similar questions