कबीर कहै मैं कथि गया, कथि गया ब्रह्म महेस।
राम नाँव ततसार है, सब काहू उपदेस।। 3
कबीर निरभै राम जपि, जब लग दीवै बाति।
तेल घट्या बाती बुझी, (तब) सोवैगा दिन राति।। 4
जिहि घटि प्रीति न प्रेम रस, फुनि रसना नहीं राम।
ते नर इस संसार में, उपजि षये बेकाम।।
लूटि सके तो लूटियौ, राम नाम है लूटि।।
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Kabir says, I am Kathey, Kathe Gaya Brahma Mahes.
Ram Naon is Tatasar, all Kahu Upades.
Kabir Nirbhai Ram chants, when you have a divine life.
The oil extinguished the wick, (then) Sowiga day raati.
Love is not love, love is good
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