कबीर मन का आपा खो कर दूसरों से बातचीत करने के लिए कहता है यह मन का आपा खोना क्या क्या आपके बीच कितना आवश्यक है और क्यों ? in 60 words
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ऐसी बाँणी बोलिए मन का आपा खोई। अपना तन सीतल करै औरन कैं सुख होई।। बात करने की कला ऐसी होनी चाहिए जिससे सुनने वाला मोहित हो जाए। प्यार से बात करने से अपने मन को शांति तो मिलती ही है साथ में दूसरों को भी सुख का अनुभव होता है।
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