Hindi, asked by himangiupadhayay2, 3 months ago

कबीर ने भगवान के गुणों का बखान करने के लिए किन-किन वस्तुओं की कल्पना की है ? वे इस
कार्य के लिए पर्याप्त क्यों नहीं हैं ?​

Answers

Answered by sahumanoj0331
6

Answer:

कबीरदास का मानते थे कि इंसान के सबसे पास उसके माता-पिता, दोस्त और मित्र रहते हैं, इसलिए वे परमात्मा को भी इसी परिजन की दृष्टि से ही देखते थे। उनके कई दोहो में परमात्मा से सीधा संवाद और परमात्मा को लेकर मूर्ति पूजा आदि अंधविश्वास के खिलाफ नसीहत भरे अंदाज में फटकार भी लगाते दिखते है।

Answered by anirban804
11

Answer:

कबीर

साखी अभ्यास

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

मीठी वाणी बोलने से औरों को सुख और अपने तन को शीतलता कैसे प्राप्त होती है?

उत्तर: जब हम मीठी वाणी में बोलते हैं तो इससे सुनने वाले को अच्छा लगता है और वह हमारी बात अच्छे तरीके से सुनता है। सुनने वाला हमारे बारे में अपनी अच्छी राय बनाता है जिसके कारण हम आत्मसंतोष का अनुभव कर सकते हैं। सही तरीके से बातचीत होने के कारण सुनने वाले और बोलने वाले दोनों को सुख की अनुभूति होती है।

दीपक दिखाई देने पर अँधियारा कैसे मिट जाता है? साखी के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: इस साखी में कबीर ने दीपक की तुलना उस ज्ञान से की है जिसके कारण हमारे अंदर का अहं मिट जाता है। कबीर का कहना है कि जबतक हमारे अंदर अहं व्याप्त है तब तक हम परमात्मा को नहीं पा सकते हैं। लेकिन जैसे ही ज्ञान का प्रकाश जगता है वैसे ही हमारे अंदर से अहंरूपी अंधकार समाप्त हो जाता है. this may help you,,,,,,

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