कबीर ने ज्ञान को किसके समान बताया है?
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इस साखी में कबीर ने दीपक की तुलना उस ज्ञान से की है।
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कबीर ने ज्ञान को दूर की कौड़ी बताया है। कबीर के अनुसार ज्ञान को पाना दूर की कौड़ी के समान है क्योंकि लोग सच्चे ज्ञान को पहचान नहीं पाते। कबीर कहते हैं कि अक्सर लोग ज्ञान के सही स्वरूप को समझ नहीं पाते और वह व्यर्थ की बातों में उलझे रहते हैं और अज्ञानता के अंधकार में भटकते रहते हैं। इसी अज्ञानता के प्रभाव के कराण लोग व्यर्थ के ढोंग और पाखंडों में उलझे रहते हैं।
कबीर के अनुसार इन्ही कारणों से ज्ञान को पाना कोई आसान कार्य नहीं है। इसलिए कबीर ने ज्ञान को दूर की कौड़ी की तरह बताया है।
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