कबीर ने संसार की मोह माया को किस प्रकार छोड़ने की बात की है?class 10....for 3marks
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अर्थात ईश्वर को पाने के लिए सांसारिक लोभ माया को छोड़ना पड़ता है। Answer: कबीर ने अपनी साखियाँ सधुक्कड़ी भाषा में लिखी है। इनकी भाषा मिलीजुली है। ... लोकभाषा का भी प्रयोग हुआ है;जैसे– खायै, नेग, मुवा, जाल्या, आँगणि आदि भाषा में लयबद्धता, उपदेशात्मकता, प्रवाह, सहजता, सरलता शैली है।
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