Hindi, asked by gundamarajuakash, 11 months ago


कबीर निंदक व्यक्ति को अपने सामने रखने की बात क्यों
करते हैं? (30-40 शब्दों में)

Answers

Answered by Anonymous
25

संत कबीर दास जी का जीवन बेहद शिक्षाप्रद और अतुलनीय है। इन्होंने सदियों पहले वह सबकुछ कर दिखाया जिसे हम आज भी करने से कतराते है। कबीर ने अपनी अमृतवाणी से बड़े दिग्गज सूरमाओं और समाज के सभी धार्मिक ठेकेदारों को खुली चुनौती दी। जो आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक है। इससे भी बढ़कर यह है कबीर दास जी ने हमें जीवन जीने की जो कला विरासत में दी है वो बेमिसाल है।

कबीर जी ने स्वयं को हमेशा जाति व धर्म से खुद को परे रखा। इन्होंने हिंदू संतों और मुस्लमान फकिरों दोनों के साथ सत्संग किया और दोनों की अच्छी बातों का आत्मसात किया। वे सिर्फ एक ही ईश्वर को मानते थे। इतना ही नहीं धर्म के नाम पर होने वाले कर्मकांड के सख्त विरोधी थे।

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Answered by shinuoommen79
3

Answer:

संत कबीर दास जी का जीवन बेहद शिक्षाप्रद और अतुलनीय है। इन्होंने सदियों पहले वह सबकुछ कर दिखाया जिसे हम आज भी करने से कतराते है। कबीर ने अपनी अमृतवाणी से बड़े दिग्गज सूरमाओं और समाज के सभी धार्मिक ठेकेदारों को खुली चुनौती दी। जो आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक है। इससे भी बढ़कर यह है कबीर दास जी ने हमें जीवन जीने की जो कला विरासत में दी है वो बेमिसाल है।

कबीर जी ने स्वयं को हमेशा जाति व धर्म से खुद को परे रखा। इन्होंने हिंदू संतों और मुस्लमान फकिरों दोनों के साथ सत्संग किया और दोनों की अच्छी बातों का आत्मसात किया। वे सिर्फ एक ही ईश्वर को मानते थे। इतना ही नहीं धर्म के नाम पर होने वाले कर्मकांड के सख्त विरोधी थे।

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