Hindi, asked by dpradhanli2, 5 months ago

कबीर दोहे का अर्थ पानी केरा बुदबुदा अस मानस की जात
एक दिन छिप जाएगा जयंतरा परभात

Answers

Answered by rajj00003
5

Answer:

अर्थ : कबीर का कथन है कि जैसे पानी के बुलबुले, इसी प्रकार मनुष्य का शरीर क्षणभंगुर है।जैसे प्रभात होते ही तारे छिप जाते हैं, वैसे ही ये देह भी एक दिन नष्ट हो जाएगी.

Explanation:

Plz tell me that is help you or not

Similar questions