कबीर दोहावली 'के आधार पर बताएँ कि कबीर ने समय के सदुपयोग पर क्या संदेश दिया है? *
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कबीर दोहावली 'के आधार पर बताएँ कि कबीर ने समय के सदुपयोग पर क्या संदेश दिया है?
कबीर आज इस दुनिया में नहीं हैं, मगर उनकी कही गई बातें आज भी हम सभी के लिए अंधेरे में रोशनी का काम करती हैं| कबीर जी सन्त कवि और समाज सुधारक थे। कबीर जी के दोहे आज तक ज्ञान देते है| हम आज तक कबीर के सिद्धांतों और शिक्षाओं को अपने जीवन शैली का आधार मानते है |
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।
पल में प्रलय होएगी,बहुरि करेगा कब ॥
कबीर जी समय के सदुपयोग के महत्व को समझते हुए कहते है कि ''काल करें जो आज कर, आज करें सो अब। जीवन बहुत छोटा होता है , हमें कोई भी काम कल पर नहीं डालना चाहिए | जो काम है आज के आज खत्म कर लेना चाहिए | कल कभी नहीं आता | हमें कोई भी काम कल के लिए नहीं छोड़ना चाहिए | जीवन में कल कभी नहीं आता है | जीवन का कुछ पता नहीं है , पल भर में कभी भी नष्ट हो सकता है |
कबीर दोहावली 'के आधार पर कबीर ने समय के सदुपयोग पर संदेश दिया हैं ।
- उन्होंने अपने दोहे के माध्यम से समय का महत्त्व बताया हैं । समय की कीमत को समझाया हैं।
- उनके कुछ प्रमुख दोहा जो समय के सदुपयोग को बताते हैं:
- " काल करे सो आज कर, आज करे सो अब । पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब ॥"
- उपयुक्त दोहे में कबीर हमें यह बताना चाहते हैं कि हमें कोई भी काम कल पर नहीं छोड़ना चाहिए । कल का काम आज और आज का काम अभी इसी वक्त कर लेना चाहिए। क्या पता कब कोई अनहोनी हो जाए और हम अपना काम कर भी न पाए । इसलिए हमें समय रहते अपना सारा काम कर लेना चाहिए।
- " आछे दिन पाछे गए, हरि से किया न हेत ।
अब पछताए होत क्या, चिड़िया चुग गयी खेत ॥"
- इस दोहे में कबीर यह कहना चाहते हैं कि अच्छे दिनों में हमने ईश्वर का नाम नहीं लिया । अब समय हाथ से निकल गया तो पछताने का कोई फ़ायदा नहीं। अर्थात् हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए उसे व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए क्योंकि बीता समय वापस नहीं आता हैं ।