Hindi, asked by bhanusai7708, 1 year ago

कबीर दास जी की भाषा शैली पर टिप्पणी लिखिए

Answers

Answered by maha201
16

कबीर की भाषा अत्यंत मनमोहक थी| उनकी भाषा शैली किसी भी पाठक को एक अद्वितीय आनंद प्रदान करती है एवं इस आनंद के साथ ज्ञान की ऊंचाइयों का अनुभव कराती है| उनकी भाषा को विद्वानों ने अलग-अलग संज्ञायें दी है परंतु सबसे प्रचलित "पंचमेल खिचड़ी" अथवा "सधुक्कड़ी भाषा" की है जो कि आचार्य श्री श्याम सुंदर दास जी द्वारा दी गई थी | इसके पीछे क्या कारण था कि कबीर की भाषा विभिन्न भाषाओं के शब्द मिलते हैं| उदाहरण हेतु कबीर की भाषा में ब्रज, अवधी, उर्दू, फारसी, यहां तक कि पंजाबी के शब्द भी मिलते हैं| इसके पीछे कबीर का भ्रमण कारण था| वे अपने भ्रमण के कारण कभी एक स्थान पर नहीं रूका करते थे और जिस स्थान पर जाते थे, वहां की भाषा का कुछ ना कुछ अंश सीखते थे, जो कि उनके छंदों में भी दिखाई देता है| अतः उनकी भाषा में बहुत सी भाषाओं का समागम मिलता है|

आशा है मेरा उत्तर पसंद आया होगा| यदि हां, कृपया मेरे उत्तर को ब्रेनलिस्ट मार्क कर दीजिए|

आशा है मेरा उत्तर पसंद आया होगा| यदि हां, कृपया मेरे उत्तर को ब्रेनलिस्ट मार्क कर दीजिए|धन्यवाद.........

Similar questions