कबीर दास जी के कोई दो दोहे लिखे
कबीर दास जी के कोई दो दोहे लिखे
Answers
Answer:
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान,
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान।
अर्थ: - ज्ञान का महत्वा धर्म से कही ज्यादा ऊपर है इसलिए किसी भी सज्जन के धर्म को किनारे रख कर उसके ज्ञान को महत्वा देना चाहिए। कबीर दस जी उदाहरण लेते हुए कहते है कि - जिस प्रकार मुसीबत में तलवार काम आता है न की उसको ढकने वाला म्यान, उसी प्रकार किसी विकट परिस्थिती में सज्जन का ज्ञान काम आता है, न की उसके जाती या धर्म काम आता है।
2.
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।
अर्थ: - कबीर दस जी कहते है कि किसी भी कार्य को पूरा होने के लिए एक उचित समय सीमा की आवश्यकता होती है, उससे पहले कुछ भी नहीं हो सकता। इसलिए हमे अपने मन में धैर्य रखना चाहिए और अपने काम को पूरी निष्ठा से करते रहना चाहिए। उदाहरण के तौर पे - यदि माली किसी पेड़ को सौ घड़ा पानी सींचने लगे तब भी उसे ऋतू आने पर ही फल मिलेगा। इसलिए हमे धीरज रखते हुए अपने कार्य को करते रहना चाहिए, समय आने पर फल जरूर मिलेगा।