कबीर दास जी किस प्रकार के प्रेषक थे किस प्रकार के ब्रह्म के उपासक थे तथा उन्होंने समाज को क्या-क्या दिया.....
Answers
Answered by
22
प्रिय मित्र ,
कबीर दास जी जो एक बहुत अच्छे समाजसुधारक के रूप में प्रसिद्ध है , वास्तव में दिखावे के दुनिया से बहुत दूर है ।
>> कबीरदास जी एक त्रिगुणात्मकरी प्रेषक थे ।
>> वे निरंकारी ब्रम्हा के उपासक थे , उनके लिए भगवान का कोई आकर नही था । कबीरदास मूर्त्तिपूजा का सख्त विरोधी थे ।
>> उन्होंने समाज को बहुमूल्य शिक्षाप्रद बाते दी । उन्होंने अपने ज्ञान को 3 ग्रन्थों में समाहित किया । जो इस प्रकार से है -
1- साखी ।
2 - सबद ।
3 - रमैनी ।
धन्यवाद ;) ☺☺☺☺☺
कबीर दास जी जो एक बहुत अच्छे समाजसुधारक के रूप में प्रसिद्ध है , वास्तव में दिखावे के दुनिया से बहुत दूर है ।
>> कबीरदास जी एक त्रिगुणात्मकरी प्रेषक थे ।
>> वे निरंकारी ब्रम्हा के उपासक थे , उनके लिए भगवान का कोई आकर नही था । कबीरदास मूर्त्तिपूजा का सख्त विरोधी थे ।
>> उन्होंने समाज को बहुमूल्य शिक्षाप्रद बाते दी । उन्होंने अपने ज्ञान को 3 ग्रन्थों में समाहित किया । जो इस प्रकार से है -
1- साखी ।
2 - सबद ।
3 - रमैनी ।
धन्यवाद ;) ☺☺☺☺☺
Brainlyaccount:
thanks
Answered by
5
Answer: कबीर एक समाज सुधारक थे | उनकी कविताओं में एक समाज सुधारक का निर्भीक स्वर सुनाई देता है । कबीर निराकार ब्रह्म के उपासक थे । उन्होंने मुर्ति पूजा, कर्मकांड जैसे बाहरी आडम्बरों का विरोध किया । समाज में वयाप्त रुढ़ियों तथा धार्मिक कुरीतियों के विरूद्ध आवाज़ उठाई तथा समाज को एक नई दिशा व सोच तथा ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग बताया ।
Similar questions