Hindi, asked by sukhisnakachari, 2 months ago

कबीर दास जी के दोहे और उनसे मिलने वाली शिक्षा।​

Answers

Answered by akshrajakhmola
0

Answer:

अच्छा शीर्षक

Explanation:

अच्छा शीर्षक

Answered by Anonymous
6

गुरु सो ज्ञान जु लीजिये, सीस दीजये दान।

बहुतक भोंदू बहि गये, सखि जीव अभिमान॥१॥

व्याख्या: अपने सिर की भेंट देकर गुरु से ज्ञान प्राप्त करो | परन्तु यह सीख न मानकर और तन, धनादि का अभिमान धारण कर कितने ही मूर्ख संसार से बह गये, गुरुपद - पोत में न लगे।

गुरु की आज्ञा आवै, गुरु की आज्ञा जाय।

कहैं कबीर सो संत हैं, आवागमन नशाय॥२॥

व्याख्या: व्यवहार में भी साधु को गुरु की आज्ञानुसार ही आना - जाना चाहिए | सद् गुरु कहते हैं कि संत वही है जो जन्म - मरण से पार होने के लिए साधना करता है |

गुरु पारस को अन्तरो, जानत हैं सब सन्त।

वह लोहा कंचन करे, ये करि लये महन्त॥३॥

व्याख्या: गुरु में और पारस - पत्थर में अन्तर है, यह सब सन्त जानते हैं। पारस तो लोहे को सोना ही बनाता है, परन्तु गुरु शिष्य को अपने समान महान बना लेता है।

कुमति कीच चेला भरा, गुरु ज्ञान जल होय।

जनम - जनम का मोरचा, पल में डारे धोया॥४॥

व्याख्या: कुबुद्धि रूपी कीचड़ से शिष्य भरा है, उसे धोने के लिए गुरु का ज्ञान जल है। जन्म - जन्मान्तरो की बुराई गुरुदेव क्षण ही में नष्ट कर देते हैं।

गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि - गढ़ि काढ़ै खोट।

अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट॥५॥

व्याख्या: गुरु कुम्हार है और शिष्य घड़ा है, भीतर से हाथ का सहार देकर, बाहर से चोट मार - मारकर और गढ़ - गढ़ कर शिष्य की बुराई को निकलते हैं।

गुरु समान दाता नहीं, याचक शीष समान।

तीन लोक की सम्पदा, सो गुरु दीन्ही दान॥६॥

व्याख्या: गुरु के समान कोई दाता नहीं, और शिष्य के सदृश याचक नहीं। त्रिलोक की सम्पत्ति से भी बढकर ज्ञान - दान गुरु ने दे दिया।

जो गुरु बसै बनारसी, शीष समुन्दर तीर।

एक पलक बिखरे नहीं, जो गुण होय शारीर॥७॥

व्याख्या: यदि गुरु वाराणसी में निवास करे और शिष्य समुद्र के निकट हो, परन्तु शिष्ये के शारीर में गुरु का गुण होगा, जो गुरु लो एक क्षड भी नहीं भूलेगा।

गुरु को सिर राखिये, चलिये आज्ञा माहिं।

कहैं कबीर ता दास को, तीन लोकों भय नाहिं॥८॥

व्याख्या: गुरु को अपना सिर मुकुट मानकर, उसकी आज्ञा मैं चलो | कबीर साहिब कहते हैं, ऐसे शिष्य - सेवक को तनों लोकों से भय नहीं है

Similar questions