Hindi, asked by drishtigorkha2120436, 18 days ago

कबीर दास जी ने बोली को अमोल क्यों कहा है समझाइए​

Answers

Answered by ak2899057
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Answer:

बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि,

हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि

भावार्थ: जो व्यक्ति अच्छी वाणी बोलता है वही जानता है कि वाणी अनमोल रत्न है। इसके लिए हृदय रूपी तराजू में शब्दों को तोलकर ही मुख से बाहर आने दें।

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