कबीर दास जी ने पहले पद में किन का विरोध किया है
Answers
कबीर दास जी ने पहले पद में किन का विरोध किया है
कबीर दास जी ने पहले पद में परमात्मा के अस्तित्व के बारे में बताया है | परमात्मा सब जगह है | परमात्मा कण-कण में है | कबीर जी ने परमात्मा के नाम पर किए गए दिखावे का विरोध किया है | लोगों ने परमात्मा को जगह-जगह ढूंढते है | परमात्मा के नाम पर दिखावा करते है | मंदिरों में जा कर परमात्मा को ढूंढते है | मूर्ति पूजा करते है |
यह सब दिखावा है | सुबह जाग कर स्नान करते है , मंदिर जाते है | परमात्मा को पाने के लिए धार्मिक स्थलों का सहारा करते है | धर्म के नाम पर पाखंड करते है | गले में माला पहनते है | दिर में टोपी पहनती है| माथे में तिलक लगाकर परमात्मा को पाने का दिखावा करते है | तरह-तरह की उपासना में लीन रहते है | वृक्षों की पूजा करते है |
परमात्मा हमारे हृदय में है | सच्ची भक्ति करने के लिए हमें कहीं जाने की जरूरत नहीं है |
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ ▬▬ ▬▬
संबंधित कुछ अन्य प्रश्न...►
https://brainly.in/question/11086040
कबीर की साखी में ‘विष' और 'अमृत' किसके प्रतीक है?
Explanation:
संत कबीर दासजी ने वर्षों पहले जीवन जीने के जो रूल अपने दोहों के जरिए बताए, वो आज के जमाने में भी उतने ही कारगर हैं, जितने उस वक्त थे। ... समाज सुधारक संत कबीरदास के चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि इन्होंने जातिवाद एवं छूआछूत का तथा धर्म से संबंधित आडंबरों का भी विरोध किया।