Science, asked by abuzar0956, 3 months ago

कबीर दास
पाँच दोहेकबीर दास जी के 5 दोहे ​

Answers

Answered by DynamiteAshu
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Answer:

  • यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान ।
  • शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान ।
  • सब धरती काजग करू, लेखनी सब वनराज ।
  • सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाए ।
  • ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये ।
  • औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए ।

Answered by kapildash24
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Answer:दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय जो सुख में सुमिरन करे, दुख काहे को होय ...

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोय ...

बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर ...

काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ...

साईं इतनी दीजिए, जा में कुटुंब समाए ...

जैसे तिल में तेल है, ज्यों चकमक में आग ...

माया मरी न मन मरा, मर-मर गए शरीर

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