History, asked by bhawanapathik21, 1 month ago

कबीर दास दोहे आलस पर​

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Answered by lucky2805
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kal kare so aaj kar aaj kare so ab

Answered by mauryasangita716
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संत कबीरदास का एक दोहा 'काल्ह करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में परले होएगी, बहुरी करोगे कब। इस दोहे को आलस्य के खिलाफ महामंत्र कहा जा सकता है। जिसे केवल विद्यार्थी ही नहीं, बल्कि हर स्त्री-पुरुष को निरंतर याद रखना चाहिए।

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