Hindi, asked by sujalsahu718, 2 months ago

कबीर द्वारा रचित आपकी प्रिय रचना (दोहा / साखी) और उसका अर्थ​

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Answered by rmathi81
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सब धरती कागज करूँ लिखनी (लेखनी ) सब बनराय।

सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय॥

इस धरती पर जितना भी कागज है उसे एकत्रित करके।

वन/जंगल की लकड़ी से लेखनी करूँ (समस्त जंगल जी लकड़ी को लेखनी बना लूँ। सातों समुद्र के पानी को स्याही (मसि ) बना लूँ।गुरु का गुण लिखा ना जाय।

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Answered by sameershivajip
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Answer:

गुरु सो ज्ञान जु लीजिये, सीस दीजये दान। बहुतक भोंदू बहि गये, सखि जीव अभिमान॥

Explanation:

व्याख्या: अपने सिर की भेंट देकर गुरु से ज्ञान प्राप्त करो | परन्तु यह सीख न मानकर और तन, धनादि का अभिमान धारण कर कितने ही मूर्ख संसार से बह गये, गुरुपद - पोत में न लगे।

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