Hindi, asked by Anonymous, 4 hours ago

कबीर द्वारा रचित साखी का प्रतिपाद्य लिखिए ।

Answer in short

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Answered by sensanchita62
2

Answer:

व्याख्या: कबीरदास जी विरही मनुष्य की मनःस्थिति की चर्चा करते हुए कहते हैं कि विरह रूपी सर्प शरीर में निवास करता है। उस पर किसी प्रकार का उपाय या मंत्र भी असर नहीं करता। उसी प्रकार राम यानी ईश्वर के वियोग में मनुष्य भी जीवित नहीं रह सकता। यदि वह जीवित रह भी जाता है तो उसकी स्थिति पागल व्यक्ति जैसी हो जाती है।

Hope it helps.

Please follow.

Please thanks.

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Answered by Indhu01
3

Answer:

mqtoyuvsvm

anna vanga ungaluku kaga than waiting

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