कबीरदास जी अथवा माखनलाल चतुर्वेदी का कवि परिचय निम्नलिखित बिंदुओं के
आधार पर लिखिए-
(1) दो रचनाएँ
(2) भावपक्ष
कलापक्ष
(3) साहित्य में स्थान
Answers
कबीर दास और पंडित जी
Explanation:
कबीर दास 15 वीं शताब्दी के भारतीय कवि थे जिनका जन्म वाराणसी में हुआ था। उनके लेखन ने हिंदू धर्म के भक्ति आंदोलन को प्रभावित किया और उनके छंद सिख धर्म गुरु ग्रंथ साहिब में पाए जाते हैं। कबीर को हिंदू और इस्लाम दोनों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, दोनों के अनुयायियों को वेदों और कुरान से गुमराह किया गया था, और पवित्र धागा और खतना जैसे दीक्षा के उनके संस्कार पर सवाल उठाया गया था।
पंडित माखनलाल चतुर्वेदी एक भारतीय कवि, लेखक, निबंधकार, नाटककार और एक पत्रकार थे, जिन्हें विशेष रूप से स्वतंत्रता के लिए भारत के राष्ट्रीय संघर्ष में उनकी भागीदारी और हिंदी साहित्य के नव-रोमांटिकतावाद आंदोलन छैवाड में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है। 1955 में उनके काम के लिए उन्हें हिंदी में पहली बार साहित्य अकादमी अवार्ड दिया गया।
उतर :- माखनलाल चतुर्वेदी :-
(1) माखनलाल चतुर्वेदी की दो रचनाएँ है :-
- हिम तरंगिणी => काव्य कृति l
- समय के पांव => गद्यात्मक कृति l
(2) भावपक्ष कलापक्ष :-
- इनके काव्य का मूल स्वर राष्ट्रीयतावादी है, जिसमें त्याग, बलिदान, कर्त्तव्य-भावना और समर्पण का भाव है ।
- इन्होंने अपने ओजपूर्ण भावात्मक शैली में वीर रस से परिपूर्ण कई सारी रचनाएं करके युवकों में जो ओज और प्रेरणा का भाव भरा है l
(3) साहित्य में स्थान :-
- माखनलाल चतुर्वेदी की रचनाएं हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर है l
- उसका राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान है l
- कवियों में माखनलाल चतुर्वेदी जी का मुर्धन्य स्थान है l
- हिंदी साहित्य जगत में अपनी साहित्य सेवा के लिए इनको सदैव याद किया जाएगा l
यह भी देखें :-
मूल शब्द का उपसर्ग अलग अर्थ लिखिए Mool Shabd Priya sergarh Karke likhe Aane Aaye Vishesh
brainly.in/question/24692601
कृपया शीघ्र पत्र देने की कृपा करें वाक्य को शुद्ध कीजिए
brainly.in/question/38664300