कबीरदास जी ने मन का मनका फेरने का उपदेश क्यों दिया है?
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मनुष्य मोक्ष प्राप्ति के लिए भगवान का नाम जपते हुए हाथ में माला फेरता है। उंगलियों से माला फेरने से कुछ भी परिवर्तन नहीं हुआ। असल में ह्रदय परिवर्तन के लिए हमें अपने मन को बदलना होगा। मन में बसे मोह-माया, वासनाओं को त्यागना होगा। मन के अंदर बसे मैल को दूर करना है, तो हमें अच्छाइयों की ओर मन को मोड़ना पड़ेगा।
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