Hindi, asked by adityaaditya15220, 6 months ago

कबीरदास के अनुसार ईश्वर भक्ति का दिखावा करने वाले व्यक्ति का मन कैसा होता है? *

स्थिर

एकाग्र

चंचल

ईश्वर ध्यान में मग्न

Answers

Answered by ApurvaSingh12
4

Kabir Das ke anusar Ishwar bhakti ka dikhava karne Wale vyakti ka man Chanchal hota hai

Answered by komalsharmasharma199
0

Answer:

चंचल

Explanation:

मनुष्य का मन शीतल, निर्मल और शांत होना चाहिए क्योंकि जिस मनुष्य का मन शांत और निर्मल होता है उसका कोई दुश्मन नहीं होता, सभी उससे स्नेह करते हैं।

कबीरदास जी के अनुसार पाखंडपूर्ण भक्ति में मन एकाग्रचित्त न होकर, प्रभु भक्ति में न लगकर दसों दिशाओं की ओर घूमता है

मनुष्य हाथ में मनके की माला का जाप करते रहते हैं और मुँह से राम-राम का जाप करते रहते हैं लेकिन उसका मन कहीं और भटकते रहता है। उसका चंचल मन भटकते रहता है ईश्वर में उसकी आस्था कम होती है।

कबीरदास जी ने यह स्पष्टीकरण निम्नलिखित दोहे के द्वारा दिया है।

माला तो कर में फिरे, जीभि फिरै मुख माँहि ।

मनुवाँ तो दहुँ दिसि फिरै, यह तौ सुमिरन नाहिं ॥

• कबीरदास जी कहते है कि चाहे लाख बार माला फेर लो , लाख बार जीभ से भगवान का नाम लो परन्तु यदि मन एकाग्र नहीं, वह दसों दिशाओं में घूमता हो तो उसे प्रभु भक्ति नहीं कहते। वह तो पाखण्ड है।

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