कबूतर को अपने शब्दों में लिखिए कक्षा 9
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Explanation:
भूमिका –
कबूतर शांत स्वभाव का एक छोटा पक्षी होता है यह सुंदर और आकर्षक होता है। कबूतर का वैज्ञानिक नाम कोलंबा लिविया डोमेस्टिका होता है। कबूतर को वर्षों पहले से ही पालतू पक्षी के रूप में पाया जाता है।
पुराने जमाने में राजा महाराजाओं द्वारा कबूतर को चिट्ठी भेजनी के उपयोग लिया जाता था। इसकी स्मरण शक्ति और स्वर्ण शक्ति बहुत ही अच्छी है।पुरानी हिंदू मान्यताओं के अनुसार कबूतर और शांति का प्रतीक भी माना जाता है।
शारीरिक संरचना –
कबूतर एक मध्यम आकार का पक्षी होता है। इनका वजन लगभग 2 से 4 किलो होता है। यह सफ़ेद, स्लेटी, भूरे और म्यूट रंग में पाए जाते है।
इनके दो बड़े पंख होते है जिसकी सहायता से यह उड़ान भरता है। इसके मुंह में कि जगह पर छोटी तीखी चोंच होती है। इसके 2 पैर होते हैं जिनमें नुकीले पंजे होते है।
कबूतर के शरीर पर छोटे-छोटे बाल होते हैं इनसे यह गर्मी और सर्दी में अपने शरीर का तापमान नियंत्रित रखता है।
इसकी गर्दन बहुत लचीली होती है। स्लेटी रंग के कबूतर की गर्दन पर बैंगनी, हरे, नीले रंग की आभा होती है। मादा कबूतर के गले में काले रंग की एक रिंग बनी होती है।
कबूतर की दो आंखें होती हैं जिनका रंग प्रजाति के अनुसार लाल और भूरा हो सकता है। इसकी चोंच के ऊपरी भाग पर सांस लेने के लिए छिद्र होते है।
कबूतर की जीवन शैली –
कबूतर वर्षों पहले से ही इंसानों के बीच रहना पसंद करता है यह आमतौर पर सभी देशों में पाया जाता है। यह बर्फीले और रेगिस्तानी क्षेत्र में भी जिंदा रह सकता है।
कबूतर हमेशा झुंड में रहना पसंद करता है। कबूतर अपना घोंसला ऊंची इमारतों और पुरानी हवेलियों में बनाते है।
सुबह होते ही कबूतर भोजन की तलाश में निकल जाते है। यह काफी शांत स्वभाव का होता है और इंसानों के साथ मिलकर रहना पसंद करता है। कबूतर का जीवन काल लगभग 6 वर्षों का होता है।