कबूतर सिर्फ गुटर - गू नहीं करते , ये संदेशवाहक भी हैं । संदेश भी वे केवल शांति का नहीं देते , बल्कि एक डाकिए की तरह सुख - दुख , शांति - अशांति के सभी समाचार लाते - ले जाते है । संदेश ले जानेवाले कबूतरों को ' कासिद ' या ' नामावर ' कहा जाता है । इस प्रजाति के कबूतर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रातार से उड़ सकते हैं । सम्राट अशोक के शासनकाल में भी कबूतरों के माध्यम से डाक भेजने की व्यवस्था प्रचलित थी । कबूतरों का इस्तेमाल जासूसी करने में भी किया जाता है । जंगलों में आग लगने पर जंगल के चौकीदार अपने अधिकारियों को कबूतरों के माध्यम से संदेश भेजते रहे हैं ।
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