Hindi, asked by satmeet852, 1 year ago

Kabeer ka samaj sudharakh roop

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Answered by sonymahapatra1982
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मुझे लगता है मेरा उत्तर आपको संतुष्टि प्रदान करेगा।

कृपया उत्तर को ख़तम होते तक पढ़ें।

पढ़ने के लिए धन्यवाद।।

।।।।जय श्री कृष्णा।।।।

Explanation:

समाजसुधारक के रूप विख्यात संत काव्यधारा के प्रमुख कवि कबीर का नाम हिन्दी साहित्य में बडे़ आदर के साथ लिया जाता है। कबीर समाज सुधारक पहले तथा कवि बाद में है। उन्होने समाज में व्याप्त रूढ़ियों तथा अन्धविश्वासों पर करारा व्यंग्य किया है। उन्होने धर्म का सम्बन्ध सत्य से जोड़कर समाज में व्याप्त रूढ़िवादी परम्परा का खण्डन किया है। कबीर ने मानव जाति को सर्वश्रैष्ठ बताया है तथा कहा है कि इसमें से कोई भी ऊंचा या नीचा नहीं है। एक महान क्रान्तिकारी होने के कारण उन्होने समाज में व्याप्त अनेक कुरूतीयों व बुराईयों को दूर करने का प्रयास किया है। कबीर ने मानव जाति को एक अच्छा सन्देश दिया है। हमें उनके सन्देश को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

कस्तूरी कुण्डली बसै , मृग ढूढें बन मांहि।

एसै घटि घटि राम है , दुनियां देखे मांहि।। ” 1

कबीर कहते हैं कि हिरण कस्तूरी की खुशबू को जंगल में ढूंढता फिरता है। जबकि कस्तूरी की वह सुगन्ध उसकी अपनी नाभि में व्याप्त है। परन्तु वह जान नहीं पाता। उसी प्रकार भगवान कण कण में व्याप्त है परन्तु मनुष्य उसे तीर्थों मे ढूढ़ता फिरता है।

संत कवि कबीरदास हिंसा का विरोध करते हैं उन्हें उन लोगो से नफरत है जो जीवों को खाते हैं।

“ बकरी पाती खात है , ताकि काढ़ी खाल।

जो नर बकरी खात है , तिनको कौन हवाल।। 2

कबीर कहते हैं कि बकरी हरी पतिंयो को खाती है फिर भी उसकी खाल उधेड़ी जाती है तब भला सोचिए जो व्यक्ति बकरी को खाता है उसका क्या होगा ?

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