कभी-कभी गुल्ली-डंडे में भी पड़ जाता है। ) अंधे के हाथ बटेर लोहे के चने N २ जिगर के टुकड़े O अंधा-चोट निशाना
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गुल्ली-डंडा ~ मानसरोवर भाग-1 ~ मुंशी प्रेमचंद्र की अमर कहानियाँ| हमारे अँग्रेजी दोस्त मानें या न मानें मैं तो यही कहूँगा कि गुल्ली-डंडा सब खेलों का राजा है। अब भी कभी लड़कों को गुल्ली-डंडा खेलते देखता हूँ, तो जी लोट-पोट हो जाता है कि इनके साथ जाकर खेलने लगूँ। न लान की जरूरत, न कोर्ट की, न नेट की, न थापी की।
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