Hindi, asked by Sardar6355, 9 months ago

कभी-कभी हमदर्दी महंगी पड़ जाती है इस विषय पर अपने विचार लिखिए from brainly.in

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Answered by hardikkodale
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isa prashna ka artha bilkul same hai

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Answered by franktheruler
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कभी-कभी हमदर्दी महंगी पड़ जाती है इस विषय पर अपने विचार निम्न प्रकार से लिखे गए है

  • यह प्रश्न " वाह रे हमदर्द " पाठ के आधार पर पूछा गया है। लेखक ने इस पाठ में अपने अनुभवों के आधार पर अस्पताल के बेड पर लेटे हुए मरीज की तकलीफों का वर्णन किया है।
  • लेखक की टांग का फ्रैक्चर हो गया था जिस कारण वे अस्पताल में भरती हुए थे। लेखक के अनुसार जैसे ही लोग किसी के अस्पताल में एडमिट होने के बारे में सुनते है, मिलने वालों का तांता लग जाता है, सभी हमदर्द बन कर अा जाते है।
  • ये हमदर्द इतना भी नहीं सोचते कि वक्त बे वक्त जाने से मरीज के आराम में खलल होगा। अस्पताल में बच्चों को नहीं ले जाना चाहिए क्योंकि बच्चे उछल कूद करते है व शोर मचाते है।
  • कुछ हमदर्द सांत्वना देने के बजाय मरीज को डराते है कि उनके फलां रिश्तेदार को भी यही बीमारी हुई थी और वे चल बसे।
  • इन सभी कारणों से लेखक कहते है कि कभी कभी हमदर्दी महंगी पड़ जाती है।

#SPJ3

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