Science, asked by BibinBaby5684, 9 months ago

कभी-कभी विद्युत उपकरणों को छूने पर करंट लगता है। इसका सामान्य क्या कारण हो सकता है?

Answers

Answered by mathemagics
0

Explanation:

because the some object may have +ve or -ve charge on it

Answered by Kritikupadhyay5pbh
0

Answer:

क्या आपने कभी महसूस किया है कि किसी वस्तु या व्यक्ति को छूने से इलेक्ट्रिक करंट सा लगता है. हमारा शरीर इतना नाजुक होता है की अगर जरा सा करंट का झटका लग जाए या थोड़ा सा भी कुछ हो जाए तो महसूस होता है. बचपन में हम सबने कई प्रकार के खेलो को खेला है जैसे कंघे को सर पर रगणना और फिर कागज़ के टुकड़ों के पास लाना जिससे वो कंघे पर चिपकने लगते है या उसकी तरफ आकर्षित हो जाते थे. दूसरा एक व्यक्ति को कुर्सी पर बैठाकर कुर्सी को टॉवेल से मारते थे. फिर उसे छूते थे तो करंट लगता था आदि. परन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर अचानक से कोई वस्तु को छूने से करंट क्यों लगता है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

सबसे पहले अणु (atom) के बारे में अध्ययन करते हैं

ब्रह्मांड में मौजूद सभी वस्तुएं एटम्स यानी अणु से बनी हुई है और हर एटम में इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन और न्यूट्रॉन होते हैं. इन सबके पास अपना-अपना चार्ज होता है. प्रोटोन, न्यूक्लियस में होता है जो की एटम के केंद्र में स्थित है. इलेक्ट्रॉन न्यूक्लियस के आस-पास चक्कर मारता है. इलेक्ट्रॉन्स, निगेटिवली चार्ज, प्रोटॉन्स पॉजिटिवली चार्ज और न्यूट्रॉन्स न्यूट्रल होते हैं. यह तीनों मुख्य भूमिका निभाते है चार्ज को फ्लो करवाने में. एक एटम स्टेबल तब होता है जब इलेक्ट्रॉन और प्रोटोन हमेशा एक ही संख्या में हो. मगर जब इनकी संख्या कम या ज्यादा हो जाती है तो एटम स्टेबल नहीं रह पता है.

ये हम सब जानते हैं कि प्रोटोन और न्यूट्रॉन शांत स्वभाव के होते है मगर जब प्रोटोन और इलेक्ट्रॉन की संख्या एक सी नहीं होती है तो इलेक्ट्रॉन एक्साइट होने के कारण बाउंस करने लगते है और उन्ही के कारण हलचल होती है.

सुचालक के प्रतिरोध को निर्धारित करने वाले कारक, अर्थ और सूत्र

किसी वस्तु को छूने से करंट कैसे लगता है

जो चीज़े बिजली की अच्छी सुचालक या कंडक्टर होती हैं जैसे लोहा आदि वह आसानी से इलेक्ट्रॉन को जाने नहीं देते हैं. इसलिए उन एटम्स में इलेक्ट्रॉन दौड़ते तो रहते हैं मगर अपनी बाउंड्री से बाहर नहीं आते. किसी भी वस्तु में करंट तभी दौड़ता है जब उनके एटम में इलेक्ट्रॉन मूव करते हैं. जो बिजली के खराब कुचालक यानी खराब कंडक्टर होते हैं उनमें इलेक्ट्रॉन आसानी से बाहर निकल जाते है और कई बार एक्स्ट्रा इलेक्ट्रॉन जमा भी हो जाते हैं. इसी कारण जब आप प्लास्टिक की कंघी अपने बालों में फैराते हैं, तो उससे कुछ इलेक्ट्रॉन छूटकर आपके बालों में समा जाते हैं और कंघी के पास नेगेटिव चार्ज कम हो जाता है और पॉजिटिव चार्ज ज्यादा. ये हम जानते हैं कि पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज अपनी और खीचते है. इसलिए कागज़ के टुकड़े खिचे चले जाते हैं.

अर्थात ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि जब किसी व्यक्ति या वस्तु में इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ जाती है तो नेगेटिव चार्ज भी बढ़ जाता है. फिर ये इलेक्ट्रॉन किसी पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन्स जो अन्य वस्तु या व्यक्ति में होंगे की और बढ़ने लगते हैं और इसी कारण करंट या बिजली का झटका महसूस होता है. यानी इन इलेक्ट्रॉनों की त्वरित गति का ही तो नतीजा है हल्का सा करंट लगना.

Samanya gyan eBook

अब देखते हैं कि कुर्सी से कैसे करंट लगता है

जब हम प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठकर ज्यादा हिलते हैं और पैर जमीन को ना छू रहे हो तो प्लास्टिक की कुर्सी हमारे कपड़ों से अलग होने वाले इलेक्ट्रॉन को जमा करने लगती है. इससे पॉजिटिव चार्ज जमा होने लगता है. जब तक आप कुर्सी पर बैठे रहते है ये चार्ज आपके साथ रहता है परन्तु जैसे ही आप कुर्सी से उठते है ये सारा चार्ज कुर्सी के पास चला जाता है और जब आप कुर्सी को छूते है या फिर बैठते है तो हल्का सा करंट लगता है.

क्या इसके लिए मौसम भी जिम्मेदार है?

सर्दियों के मौसम में करंट महसूस ज्यादा होता है. सर्दियों में इलेक्ट्रिक चार्ज सबसे अधिक होता है क्योंकि हमारे आसपास का वातावरण सूखा होता है. वायु शुष्क होती है और इलेक्ट्रॉन आसानी से हमारी त्वचा की सतह पर विकसित हो जाते है. गर्मियों के दिनों में, हवा में नमी होती है जिसके कारण नेगेटिवली चार्ज इलेक्ट्रॉन समाप्त हो जाते हैं और इसलिए हमें करंट महसूस नहीं हो पता हैं.

तो अब आप समझ गए होंगे की करंट का झटका लगना एटम में मौजूद इलेक्ट्रान और प्रोटोन के कारण होता है. जब एटम स्टेबल नहीं होता है तो इलेक्ट्रान का आदान-प्रदान होता है जिससे चार्ज बदल जाता है और हल्का सा करंट महसूस होता है.

Explanation:

IF you satisfied with my answer so mark me as BRAINLIEST.

Similar questions