Social Sciences, asked by AnjaliVaidya, 3 months ago

कभी सीने पे रख के लेट जाते थे
कभी गोदी में लेते थे
कभी घुटनों को अपने रिहल की सूरत बना कर
नीम-सजदे में पढ़ा करते थे, छूते थे जबीं से
वो सारा इल्म तो मिलता रहेगा आइंदा भी
मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल
और महके हुए रुक्के
किताबें गिरने, उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे
उनका क्या होगा ? वो शायद अब नहीं होंगे !! bhavarth​

Answers

Answered by yashkillekar339
4

Answer:

कभी सीने पे रख के लेट जाते थे

कभी गोदी में लेते थे

कभी घुटनों को अपने रिहल की सूरत बना कर

नीम-सजदे में पढ़ा करते थे, छूते थे जबीं से

वो सारा इल्म तो मिलता रहेगा आइंदा भी

मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल

और महके हुए रुक्के

किताबें गिरने, उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे

उनका क्या होगा ? वो शायद अब नहीं होंगे !

Explanation:

please brilliant Mark

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