Hindi, asked by harshit2012, 1 year ago

Kabhi kabhi hriday wah bhi dekh leta hai jo aankhe nahi dekh pati


harshit2012: tumne bhut mdad ki
apparnaraj: ^_^ wlcm
Lata11: srry...
apparnaraj: y?
Lata11: mujhe pta nhi tha ki essay h...
Lata11: mujhe lga Aise hi h...
apparnaraj: i hve given u edit option...edit ur answer....
Lata11: pr Kya likhu
Lata11: anyways forget it
Prachi12345: its.....so mean

Answers

Answered by abhi178
265
कभी कभी ह्रदय वह भी देख लेता है जो आँख देख नहीं पाती है
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ह्रदय !! एक अनमोल , अनोखा और ईश्वर का दिया हुआ अनमोल तोहफा है । पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ आँख, नाक , मुँह , जीभ , त्वचा और लिंग हैं किन्तु ये सभी बेकार हैं यदि हमारे पास ह्रदय न हो ।
ह्रदय द्वारा कही गयी , सुनी गयी या फिर समझी हुई बातें का असत्य होना लगभग असंभव हैं । ये हमें प्रेम करना सिखाती है । विभिन्न प्रकार में भेद करना सिखाती है , माता का प्रेम क्या है, या फिर पत्नी का प्रेम क्या है |

ह्रदय वो सारी चीजें देख लेती है जो आखें देख नही पाती । माँ इतनी महान क्यों होती है , माँ को ईश्वर से भी उँचा दर्जा दिया गया है आखिर क्यों ?
क्योंकि वह अपने बच्चे के भाव को परख कर बता देती है उसे क्या चाहिए , क्या जरूरत है। उनके सामने खड़े आपको अपनी आँखों से कुछ पता नही चलेगा माँ ने आखिर समझा कैसे कि मुझे क्या चाहिए क्या नहीं ।
कारण है माँ ह्रदय से आपको चाहती है , आपका ह्रदय माँ को संदेश पहुचाने का काम करता है , वो बता देता है कि आपको क्या चाहिए ?

आपने एक कहानी सुनी होगी कि एक सुन्दर सी राजकुमारी को जानवर ( Beast ) से प्यार हो जाता है । असल में प्यार का होना केवल सोंदर्य ( आँखों द्वारा देखी गयी) से नही अपितु ह्रदय का मिलन है । राजकुमारी का ह्रदय Beast के ह्रदय को समझ पाता है कि यह Beast नही बल्कि Beast के रुप में राजकुमार है । और अंत में ये सच होता है Beast एक राजकुमार बन जाता है।
राजकुमारी ने अपने ह्रदय से परखा तभी तो उन्हे योग्य राजकुमार प्राप्त हुआ , अगर वो आँखों देखा सच मानती तो शायद वो राजकुमार को प्राप्त न कर पाती , जो उनके योग्य था ।

हम जानते हैं कोई भी काम आप बिना दिमाग लगाये नही कर सकतै हैं पर यदि आप काम में दीमाग के साथ - साथ मन ( ह्रदय) भी लगाते हैं , तो आप तरक्की के उन बुलन्दियों को छू सकते हैं जिसके सपने आप अक्सर खुली आँखों मे देखा करते हैं । आपने सुना होगा Albert Einstein sir के बारे में , वे Physics को छोड़कर किसी विषय को पसंद नही करते थे, Physics को उन्होने अपना Passion बना लिया था , वो ह्रदय से सच्चे मन से कार्य करते थे । आज उन्हे Father of Physics माना जाता है। ह्रदय की ताकत १००० हाथियों के बल से भी ज्यादा मजबूत होती है । केवल एकदिन दिल ( ह्रदय ) लगाकर पढाई कर देखीये , मुझे विश्नास है आप जिस Concept को कई दिनों से नही समझ पाया , वो आप आसानी से समझेंगे ।

ऐसे कई ऊदाहरण हम अपने जीवन में देख सकते हैं, जो हमें यह कहने पर मजबूर कर देती है कि " कभी - कभी ह्रदय वो देख लेता है जहाँ आँखे नही देख पाती है। "
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kaifsajidrohola: Nice education of essays
duragpalsingh: Good
Prachi12345: thanks.....
Answered by DiyaDebeshee
0

Hello friends!

कभी कभी ह्रदय वह भी देख लेता है जो आँख देख नहीं पाती है

यह महान कहावत एच जैक्सन ब्राउन ने कही है। यह भाव अन्य लोगों के प्रति हमारी भावना या प्रेम, दया, स्वार्थ आदि जैसी भावनाओं के बारे में कहता है। हमारी आँखें हमारी भावनाओं को महसूस नहीं कर सकती हैं, केवल हमारा दिल ही ऐसा कर सकता है। इस दुनिया में कुछ चीजें हैं, जिसमें हमें अपने दिल से महसूस करना है और अपनी आंखों से विश्वास करना है, जैसे कुछ लोग भगवान में विश्वास नहीं करते हैं। हमने उन्हें कभी नहीं देखा है लेकिन हम सिर्फ अपने दिल से मानते हैं कि वे वास्तव में मौजूद हैं। यह सब है कि हम चीजों को कैसे लेते हैं।

 कुछ लोग अच्छे नहीं लग सकते हैं लेकिन दूसरों के प्रति उनकी भावना उनके चरित्र को बहुत सुंदर बनाती है जिसे मानवता के रूप में जाना जाता है। हमारी आँखों से, हम देख सकते हैं कि एक आदमी बहुत खुश और हंसमुख है, लेकिन केवल हमारा दिल दुखी और अकेला पक्ष समझ सकता है, जिसे हमारी आँखों के माध्यम से नहीं देखा जा सकता है। समझ का स्तर तभी बढ़ सकता है जब हमारे दिल में आंतरिक भावनाओं को महसूस करने की क्षमता हो। हृदय की विशाल शक्तियों के दोहन से सभी महान व्यक्ति महान हो गए, हम देखते हैं कि यह हमारी माताएं हैं, दादी मां हैं, हम अपने दैनिक जीवन में काम कर रहे हैं; अक्सर जब हम किसी चीज के कारण परेशान या परेशान होते हैं, तो हमारी मां या दादी हमारी परेशानियों के बिना हमारी समस्याओं का पता लगाती हैं।

जब हम एक बूढ़ी औरत के चेहरे पर शिकन देखते हैं, तो हम उसके जीवन में खुशियाँ और उत्साह नहीं देखते हैं, झुर्रियाँ सिर्फ मुस्कुराहट और हंसी के संकेत हैं। हम अपने जीवन में लोगों के लिए जो स्नेह प्रदर्शित करते हैं, वह कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे हम देख या सूंघ सकते हैं, बल्कि यह एक ऐसी चीज है जिसे हम अपने दिल से महसूस करते हैं।

हाँ, बेशक, प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंद्विता के इस युग में, हम अक्सर सब कुछ उसी तरह से लेते हैं जिस तरह से हम उन्हें देखते हैं। हम शायद ही कभी यह देखने के लिए परवाह करते हैं कि उनके दिल और दिमाग में क्या है।

एक माँ और उसके बच्चे का उदाहरण = एक माँ और बच्चे का प्यार केवल दिल से महसूस किया जा सकता है, आँखों से नहीं। मेरे लिए यह अधिक से अधिक प्रभावी है।

Hope u liked!

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