Kabir Aur raskhan Ke Dohe mein kya Antar Hai udaharan sahit Uttar dijiye
Answers
प्रश्न — कबीर और रसखान के दोहों में क्या अंतर है?
उत्तर —
कबीर और रसखान के दोहों में बहुत अंतर पाया जाता है। कबीर भक्तिकाल के कवि थे। उनके दोहों में समाज की कुरीतियों, धर्म के आडंबरों पर प्रहार किया गया है। उन्होंने अपने दोहों के माध्यम से हिंदू और इस्लाम दोनों धर्मों में व्याप्त पाखंड पर प्रहार किया है। उन्होंने अपने दोहों के माध्यम निराकार ईश्वर की उपासना पर जोर दिया है। कबीर के दोहे जीवन का गहन दर्शन छुपा है। कबीर के दोहे आज दौर में भी उतने ही प्रासंगिक हैं और हमें बहुत कुछ सिखाते हैं।
रसखान रीति काल के प्रमुख कवि थे। वो भगवान कृष्ण के भक्त थे और उनके दोहों में अधिकतक कृष्ण भक्ति से संबंधित हैं। उनके दोहे श्रंगार और भक्ति रस से ओत-प्रोत हैं। उनके अधिकतर दोहे कृष्ण की लीलाओं का बखान करते हैं। अपने दोहों में उन्होंने कृष्ण और उनकी लीलाओं को आधार बनाकर प्रेम के आध्यात्मिक स्वरूप का वर्णन किया है। रसखान के दोहे हमें भगवान कृष्ण की अनन्य भक्ति का पाठ पढ़ाते हैं।
कबीर के दोहे अधिकतर समाजिक सरोकार रखते हैं जबकि रसखान के दोहे भक्ति की भावना पर प्रकाश डालते हैं।