Hindi, asked by Ayaan1603, 1 year ago

kabir das ek samaj sudharak -nibandh

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Answered by Shaizakincsem
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भारत के महान कवि और संत कबीरदास ने अपने लेखन के साथ भक्ति आंदोलन को प्रभावित किया। यहां तक ​​कि 'कबीर' का अर्थ इस्लाम में 'महान' है उन्होंने अपने बनाये हुए दोहा लिखकर एक उदाहरण निर्धारित किया है। लोग भी आजकल उनको पढ़ते हैं और दोहा से सीखते हैं। कबीर पंथ नामक एक धार्मिक समुदाय है जो कबीर के अनुयायी हैं और उन्हें उपदेश देते हैं क्योंकि उनका मानना ​​है कि उन्होंने 'संत गणित संप्रदाय' का निर्माण किया है। इस समुदाय में लोगों को कबीर पन्थि कहा जाता है और पूरे भारत में फैले हुए हैं। कबीर ने कुछ महाकाव्य ग्रंथों (पुस्तकें) लिखा था। कुछ लेखों में सखी ग्रंथ, कबीर ग्रंथवली आदि शामिल हैं। हर साल कबीर दास जयंती विभिन्न तिथियों पर मनाई जाती है। यह मूल रूप से कवि कबीरदों के जन्मदिन का जश्न है

उनके लेखन में संदेश उन लोगों के प्रति निर्देशित थे जिन्हें हम आधुनिक दिन की भाषा में गरीबी रेखा के नीचे कहते हैं, तब उन्हें दलित, गरीब, दुखी, उजाड़ और भोजन, आश्रय और कपड़े जैसी बुनियादी जरूरतों से वंचित कहा जाता था। उनकी परंपराओं का मुख्य उद्देश्य "सामाजिक भेदभाव और आर्थिक शोषण के विरोध में" था। उनका सर्वश्रेष्ठ काम 'बीजक' है। उनके पास कविताओं का संग्रह है, जो उनके सार्वभौमिक आध्यात्मिक दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हैं। उनका काम उनकी विरासत है। वर्ष 1518 में
Answered by rajendrarajendra0820
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Answer:

"कबीर एक युगद्रष्टा तथा क्रांतिकारी कवि थे। राजनैतिक वातावरण में सजीव सामाजिक और धार्मिक सिद्धांत के प्रवर्तक कबीर ने प्राचीन मान्यताओं का खण्डन किया और समाज में परिवर्तन की धारा को प्रवाहित किया था। कबीर ने ज्ञान के हाथी पर चढ़कर सामाजिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक चेतना जागृत करने का प्रयत्न किया।" कबीरदास को समाज से घृणा, तिरस्कार, अपमान और अवहेलना ही मिली। कबीर एक विद्रोही कवि बन गए। उन्होंने समाज की रूढ़ियों तथा आडंबरों का विरोध किया।

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