Kabir Das ke do dohe Vyakhya sahit likhiye
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Answer:
जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ, मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।”
अर्थ-
जीवन में जो लोग हमेशा प्रयास करते हैं वो उन्हें जो चाहे वो पा लेते हैं जैसे कोई गोताखोर गहरे पानी में जाता है तो कुछ न कुछ पा ही लेता हैं। लेकिन कुछ लोग गहरे पानी में डूबने के डर से यानी असफल होने के डर से कुछ करते ही नहीं और किनारे पर ही बैठे रहते हैं।
क्या सीख मिलती है-
महान संत कबीर दास जी के इस दोहे से हमें सीख मिलती हैं तो हमें अपने लक्ष्य को पाने के लिए लगातार प्रयास करते रहना चाहिए, क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती और एक दिन वे सफल जरूर होते हैं।
संत कबीर दोहा – कहैं कबीर देय तू
आज के जमाने में कई लोग ऐसे हैं जिनके पास सब कुछ होने के बाद भी कुछ दान नहीं करते या फिर लोगों की सहायता नहीं करते और कई लोगों में परोपकार की भावना ही नही है, उन लोगों के लिए महान संत कबीरदास जी ने इस दोहे में बड़ी शिक्षा दी है –
दोहा-
“कहैं कबीर देय तू, जब लग तेरी देह। देह खेह होय जायगी, कौन कहेगा देह।”
हिन्दी अर्थ-
कबीर दास जी कहते हैं जब तक देह है तू दोनों हाथों से दान किए जा। जब देह से प्राण निकल जाएगा। तब न तो यह सुंदर देह बचेगी और न ही तू फिर तेरी देह मिट्टी की मिट्टी में मिल जाएगी और फिर तेरी देह को देह न कहकर शव कहलाएगा।
क्या सीख मिलती है-
कबीर दास जी के इस दोहे से हमें यह सीख मिलती है कि हमें गरीबों पर और जरूरतमंद लोगों की अपने जीवन में मद्द करते रहना चाहिए। इसका फल भी अच्छा होता है।
संत कबीर दोहा – या दुनिया दो रोज की
आज के समय में कई लोग मायारूपी संसार के मोह में बंधे रहते हैं, या फिर पैसा कमाने की होड़ में वे बाकी चीजों को महत्व ही नहीं देते हैं। उन लोगों के लिए कबीर दास जी का यह दोहा काफी शिक्षा देने वाला हैl