Kabir das ke nirgun vishvas per tippni likhiye
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answer दसवां द्वार देहुरा तामें ज्योति पिछानि॥ वे समता, सहिष्णुता, प्रेम व परस्पर सहयोग की भावना को पोषित करने में सदैव प्रयत्नशील रहते थे। वे एक ही परमात्मा को सर्वत्र सब में देखते थे। यही उपदेश वे सबको देते थे कि सभी घट में रमने वाले उस राम को अपने हृदय में प्रेम से ढूंढ़ो, तुम्हें वह मिल जाएगा।
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दसवां द्वार देहुरा तामें ज्योति पिछानि॥ वे समता, सहिष्णुता, प्रेम व परस्पर सहयोग की भावना को पोषित करने में सदैव प्रयत्नशील रहते थे। वे एक ही परमात्मा को सर्वत्र सब में देखते थे। यही उपदेश वे सबको देते थे कि सभी घट में रमने वाले उस राम को अपने हृदय में प्रेम से ढूंढ़ो, तुम्हें वह मिल जाएगा।
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