Hindi, asked by khusharora811, 1 month ago

kabir ke anusar kesi bhagti sachhi bhagti nahi kahlati dohe ke adhar par spasht kijiye

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Answered by gaminglinda271
1

Answer:

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Answered by kumareshraddha2007
2

Answer:

ईश्वर प्राप्ति हेतु एकाग्रचित्त होकर भक्ति करनी चाहिए। ... 'मनुवाँ तो दहूँ दिसि फिरै, यह तौ सुमिरन नाहिं' इस पंक्ति के माध्यम से कबीर ने कहना चाहा है कि हमारा मन भक्ति के समय यदि दसों दिशाओं की ओर घूमता रहता हैं, ईश्वर के स्मरण मैं एकाग्रचित्त नहीं होता तो ऐसी भक्ति व्यर्थ है।

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