kabir ke dhaarmikk bichaaro pr praakash daaliye
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संत कबीर ने धार्मिक रुढ़ीवादिता व दिखावे का खंडन करके एक व्यापक परब्रह्म तत्व को स्वीकारा। अपने आराध्य के अनुराग में मस्त वे एक ऐसे अक्खड़ संत थे, जो कहीं किसी की परवा नहीं करते थे। ... कबीर के राम सत्य स्वरूप हैं, न तो उसका आदि है न मध्य और न अंत राम नाम जिन पाया सारा, अबिरथा झूठ सकल संसारा।
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