Hindi, asked by Anonymous, 11 months ago

kabir ke dohe in hindi 10​


brainlystar45: hello
brainlystar45: ✌️
Anonymous: hii
brainlystar45: Hey
Anonymous: if someone is feel said what he do

Answers

Answered by Anonymous
11

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,

जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय,

सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय।

तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय,

कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,

माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।

माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर,

कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर।

जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान,

मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।

दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त,

अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत।

जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ,

मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।

बोली एक अनमोल है, जो कोई बोलै जानि,

हिये तराजू तौलि के, तब मुख बाहर आनि।

अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप,

अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप।

निंदक नियरे राखिए, ऑंगन कुटी छवाय,

बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय।

कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर,

ना काहू से दोस्ती,न काहू से बैर।

Hope it helps!


dinesh2841: tanks
Anonymous: why
dinesh2841: झोप येत नाही !दी.
Anonymous: oh
dinesh2841: anki kahi
dinesh2841: hello
dinesh2841: hy
Akmal7863: hy
dinesh2841: hello m
dinesh2841: p..
Answered by Tarav
4

1-) दुर्लभ मानुष जन्म है, देह न बारम्बार,

मानुष जन्म है, देह न बारम्बार,तरुवर ज्यों पत्ता झड़े, बहुरि न लागे डार।

2-) हिन्दू कहें मोहि राम पियारा, तुर्क कहें रहमाना,

हिन्दू कहें मोहि राम पियारा, तुर्क कहें रहमाना,आपस में दोउ लड़ी-लड़ी मुए, मरम न कोउ जाना।

3-) कहत सुनत सब दिन गए, उरझि न सुरझ्या मन।

कहत सुनत सब दिन गए, उरझि न सुरझ्या मन।कही कबीर चेत्या नहीं, अजहूँ सो पहला दिन।

4-) कबीर लहरि समंद की, मोती बिखरे आई।

कबीर लहरि समंद की, मोती बिखरे आई।बगुला भेद न जानई, हंसा चुनी-चुनी खाई।

5-) जब गुण को गाहक मिले, तब गुण लाख बिकाई।

जब गुण को गाहक मिले, तब गुण लाख बिकाई।जब गुण को गाहक नहीं, तब कौड़ी बदले जाई।

6-) कबीर कहा गरबियो, काल गहे कर केस।

कबीर कहा गरबियो, काल गहे कर केस।ना जाने कहाँ मारिसी, कै घर कै परदेस।

7-) पानी केरा बुदबुदा, अस मानुस की जात।

पानी केरा बुदबुदा, अस मानुस की जात।एक दिना छिप जाएगा,ज्यों तारा परभात।

8-) हाड़ जलै ज्यूं लाकड़ी, केस जलै ज्यूं घास।

हाड़ जलै ज्यूं लाकड़ी, केस जलै ज्यूं घास।सब तन जलता देखि करि, भया कबीर उदास।

9-) जो उग्या सो अन्तबै, फूल्या सो कुमलाहीं।

जो उग्या सो अन्तबै, फूल्या सो कुमलाहीं।जो चिनिया सो ढही पड़े, जो आया सो जाहीं।

10-) झूठे सुख को सुख कहे, मानत है मन मोद।

झूठे सुख को सुख कहे, मानत है मन मोद।खलक चबैना काल का, कुछ मुंह में कुछ गोद।

11-) ऐसा कोई ना मिले, हमको दे उपदेस।

ऐसा कोई ना मिले, हमको दे उपदेस।भौ सागर में डूबता, कर गहि काढै केस

12-) जब मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही ।

मैं था तब हरी नहीं, अब हरी है मैं नाही ।सब अँधियारा मिट गया, दीपक देखा माही ।।

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